रविवार, 28 सितंबर 2008

'ए वेडनेसडे': फिल्म समीक्षा

पिछले शनिवार मैने अपने मित्रों के साथ ‘ए वेडनेसडे’ नाम की पिक्चर देखी। निर्देशक नीरज पांडे का यह प्रथम निर्देशन प्रयास है, और मेरी राय मे यह पिक्चर इस साल की सर्वश्रेष्ठ पिक्चरों मे से एक है।
नसीरूद्दीन शाह, अनुपम खेर और जिम्मी शेरगिल ने पिक्चर के मुख्य चरित्रों की भूमिका निभाई है। कहानी एक बुधवार को मुम्बई मे दो से छः बजे के बीच होने वाली घटनाओं की है। एक आदमी (नसीरूद्दीन शाह) पुलीस कमिश्नर प्रकाश राठोर (अनुपम खेर) को फोन करके धमकाता है कि यदि 4 खतरनाक आतंकवादियों को छः बजे से पहले जेल से रिहा न किया जाए, तो वह मुम्बई मे जगह-जगह बम विस्फोट कर देगा। राठोर इस आदमी को रोकने की पूरी कोशिश करता है। अंत मे कहानी मे ऐसा घुमाव आता है जिस्से निर्देशक एवं अभिनेताओं की बेहतरीन कला का प्रदर्शन होता है।
यह पिक्चर आम हिन्दी पिक्चरों से काफी अलग है। न तो इसमे गाने हैं, और इसकी लम्बाई केवल डेढ़ घंटे की है। इस पिक्चर का मकसद है आम आदमी का दुनिया देखने का नज़रिया बदलना। इसको ज़रूर देखिए। शायद आपका नज़रिया भी बदल जाए।

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